Lamhon Ki Jaagir Luta Kar Baithe Hain

Farhat Shehzad

लमहो की जागीर लूटा कर बैठे है
लमहो की जागीर लूटा कर बैठे है
हम घर की देहलीज़ पे आ कर बैठे है
लमहो की जागीर लूटा कर बैठे है
बैठे है बैठे है

लिखने को ुनवान कहाँ से लाए अब
लिखने को ुनवान कहाँ से लाए अब
काग़ज़ से इक नाम मिटा कर बैठे है
काग़ज़ से इक नाम मिटा कर बैठे है
लमहो की जागीर लूटा कर बैठे है
बैठे है बैठे है

हो पाए तो हंस कर दो पल बात करो
हो पाए तो हंस कर दो पल बात करो
हम परदेसी डोर से आ कर बैठे है
हम परदेसी डोर से आ कर बैठे है
लमहो की जागीर लूटा कर बैठे है
बैठे है बैठे है

उत्तेगे जब दिल तेरा भर जाएगा
उत्तेगे जब दिल तेरा भर जाएगा
खुद को तेरा खेल बना कर बैठे है
खुद को तेरा खेल बना कर बैठे है
लमहो की जागीर लूटा कर बैठे है
बैठे है बैठे है

जब चाहो घुल ष्ममा कर देना शहज़ाद
जब चाहो घुल ष्ममा कर देना शहज़ाद
हम अंदर का डीप जला कर बैठे है
हम अंदर का डीप जला कर बैठे है
लमहो की जागीर लूटा कर बैठे है
बैठे है बैठे है

Trivia about the song Lamhon Ki Jaagir Luta Kar Baithe Hain by Ghulam Ali

Who composed the song “Lamhon Ki Jaagir Luta Kar Baithe Hain” by Ghulam Ali?
The song “Lamhon Ki Jaagir Luta Kar Baithe Hain” by Ghulam Ali was composed by Farhat Shehzad.

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