Woh Jo Naksh The Teri Yaad Ke

Ghulam Ali

वो जो नक्श थे तेरी याद के मुझे ख्वाब कैसे दिखा गये
वो जो नक्श थे तेरी याद के मुझे ख्वाब कैसे दिखा गये
कभी वक़्त राह मे रुक गया कभी फूल लौट के आ गये
वो जो नक्श थे तेरी याद के मुझे ख्वाब कैसे दिखा गये

वो जो गीत तुमने सुना नही मेरी उम्र भूर का रियाज़ था
वो जो गीत तुमने सुना नही मेरी उम्र भूर का रियाज़ था
मेरे दर्द की थी वो दास्तान जिसे तुम हँसी मे उड़ा गये

ये जो सिलसिला सा है प्यार का मैने देखा इसमे ये मौजेज़ा
ये जो सिलसिला सा है प्यार का मैने देखा इसमे ये मौजेज़ा
वो जो लफ्ज़ मेरे गुमा मे थे वो तेरी ज़बान पे आ गये
वो जो नक्श थे तेरी याद के मुझे ख्वाब कैसे दिखा गये

मेरी उम्र से ना सिमट सके मेरे दिल मे इतने सवाल थे
मेरी उम्र से ना सिमट सके मेरे दिल मे इतने सवाल थे
तेरे पास जीतने जवाब थे तेरी एक निगाह मे आ गये
वो जो नक्श थे तेरी याद के मुझे ख्वाब कैसे दिखा गये
कभी वक़्त राह मे रुक गया कभी फूल लौट के आ गये
वो जो नक्श थे तेरी याद के मुझे ख्वाब कैसे दिखा गये

Trivia about the song Woh Jo Naksh The Teri Yaad Ke by Ghulam Ali

When was the song “Woh Jo Naksh The Teri Yaad Ke” released by Ghulam Ali?
The song Woh Jo Naksh The Teri Yaad Ke was released in 2001, on the album “Aitbaar”.

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