Dua
Vijay Akela
यहीं इक दुआ मांगती हूं मैं रब से
यहीं इक दुआ मांगती हूं मैं रब से
मुझे इश्क हो इस ज़माने में सब से
मुझे इश्क हो इस ज़माने में सब से
मोहब्बत रही हर ज़माने का मज़हब
खुदा ने ये दुनिया बनाई है जबसे
तुम्हीं हो कि सुनते नहीं हो सदायें
पुकारे है दिल तुमको ना जाने कब से
पुकारे है दिल तुमको ना जाने कब से
यहीं इक दुआ मांगती हूं मैं रब से
यहीं इक दुआ मांगती हूं मैं रब से
मुझे इश्क हो इस ज़माने में सब से
मुझे इश्क हो जमाने में सब से
हा हा हा हा हा हा
दुआ मांगती हूं रब से