Ek Chameli Ke Mandve Taale

Makhdoom, Jagjit Singh

एक चमेली के मंडवे तले
मैकदे से जरा दूर वो सुल पर
दो बदन, दो बदन
दो बदन प्यार की आग में जल गए

प्यार हर्फ़-ए-वफ़ा, प्यार उनका खुदा
प्यार उनकी चिता दो बदन, दो बदन
दो बदन प्यार की आग में जल गए

हमने देखा उन्हें, दिन में और रात में
नुरो जुल्मात में दो बदन, दो बदन
दो बदन प्यार की आग में जल गए

मस्जिदों के मीनारों ने देखा उन्हें
मंदिरों के किवाड़ों ने देखा उन्हें
मैकदों की दरारों ने देखा उन्हें
दो बदन, दो बदन
दो बदन प्यार की आग में जल गए
अज अजल ता अबत,ये बता चारागर
तेरी ज़ंबील में नुस्ख़ा-ए-कीमिया-ए-मोहब्बत भी है
कुछ इलाज-ओ-मुदावा-ए-उल्फ़त भी है
दो बदन, दो बदन
दो बदन प्यार की आग में जल गए
दो बदन प्यार की आग में जल गए
दो बदन प्यार की आग में जल गए

Trivia about the song Ek Chameli Ke Mandve Taale by Jagjit Singh

When was the song “Ek Chameli Ke Mandve Taale” released by Jagjit Singh?
The song Ek Chameli Ke Mandve Taale was released in 2004, on the album “Ek Chameli Ke Mandwe Tale”.
Who composed the song “Ek Chameli Ke Mandve Taale” by Jagjit Singh?
The song “Ek Chameli Ke Mandve Taale” by Jagjit Singh was composed by Makhdoom, Jagjit Singh.

Most popular songs of Jagjit Singh

Other artists of World music