Ae Bujho Ri Bujho

Anand Bakshi, Vijay Kalyanji Shah

ऐ बुझो री बुझो
कोई प्रेम की पहेली
काहे शरमाये
हाय नारी नावेली
आ हा बुझो री बुझो
कोई प्रेम की पहेली
काहे शरमाये
हाय नारी नावेली
सात सहेलियो कि
सात सहेलियो की
अकेले सहेली
बुझो री बुझो री बुझो
कोई प्रेम की पहेली
काहे शरमाये
हाय नारी नावेली

अरे क्या भेद तेरी
चुनरी के निचे
अरे क्या भेद तेरी
चुनरी के निचे
काहे को लम्बा
तू बात खिचे
आर ये क्या हुआ
रे कैसे हुआ रे
ये क्या हुआ रे
कैसे हुआ रे
सब कुछ लेना पद हैं पिचे
कैसे ये तूने कैसे
आंख मिचोली खेले
ऐ बुझो री बुझो
कोई प्रेम की पहेली
काहे शरमाये
हाय नारी नावेली
सात सहेलियो कि
अकेले सहेली
बुझो री बुझो री बुझो
कोई प्रेम की पहेली
काहे शरमाये
हाय नारी नावेली

छोटी सी बात में
मिर्च मसाला
केह के रहेगा
कहने वाला
क्या आप बताओ?
तुम लड़कियों ने
लडको को क्या है
पागल निकला
पिछले बरस को
पिछले बरस को
ये शादी हुई थी
अब के बरस ये
गदबाद घोटला
गदबाद घोटला
गदबाद घोटला
गुंज उठी शोर से
गुंज उठी शोर से
सारी हवेली
बुझो री बुझो कोई
प्रेम की पहेली
काहे शरमाये
हाय नारी नावेली

सात सहेलियो कि
एकली सहेली

Trivia about the song Ae Bujho Ri Bujho by Jaspinder Narula

Who composed the song “Ae Bujho Ri Bujho” by Jaspinder Narula?
The song “Ae Bujho Ri Bujho” by Jaspinder Narula was composed by Anand Bakshi, Vijay Kalyanji Shah.

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