Khamoshiyan [Sped Up 1]
JEET GANNGULI, RASHMI SINGH
खामोशियाँ आवाज़ है
तुम सुनने तो आओ कभी
छूकर तुम्हें खिल जाएंगी
घर इनको बुलाओ कभी
बेकरार हैं बात करने को
कहने दो इनको ज़रा
खामोशियाँ
तेरी मेरी खामोशियाँ
खामोशियाँ
लिपटी हुई खामोशियाँ
क्या उस गली में कभी तेरा जाना हुआ
जहाँ से ज़माने को गुज़रे ज़माना हुआ
मेरा समय तो वहीं पे है ठहरा हुआ
बताऊँ तुम्हें क्या मेरे साथ क्या क्या हुआ
हम्म खामोशियाँ एक साज़ हैं
तुम धुन कोई लाओ ज़रा
खामोशियां अलफ़ाज़ हैं
कभी आ गुनगुना ले ज़रा
बेकरार है बात करने को
कहने दो इनको ज़रा हा आ
खामोशियाँ
तेरी मेरी खामोशियाँ
खामोशियाँ
लिपटी हुई खामोशियाँ
खामोशियाँ
तेरी मेरी खामोशियाँ
खामोशियाँ
लिपटी हुई खामोशियाँ