Gangaram Kanwara Reh Gaya
गंगाराम कंवरा रह गया
गंगाराम कंवरा रह गया
गंगाराम कौन है
कौन है ये गंगाराम
अरे गंगाराम कौन है
गंगाराम कौन है
गंगाराम है एक तोते का नाम
तोताराम कंवरा रह गया
गंगाराम कंवरा रह गया
एक मैना थी मीना नाम की
एक मैना थी मीना नाम की
उससे चोच लड़ी गंगाराम की
एक ही डाली पे दोनों रहते थे
एक ही डाली पे दोनों रहते थे
एक दूजे से वो ये कहते थे
प्रेम करना तो अपने हाथ है
पाना और खोना किस्मत की बात है
बस मैना की शादी हो गई और किसी के साथ
धूमधाम से आई उस दिन जगल में बारात
मियां मिठ्ठू की हो गई नींद हराम
गंगाराम कंवरा रह गया
तोताराम कंवरा रह गया
हाथी ने सुना वो चिघाड़ा
शेर ने सुना तो वो दादा
कालू भालू भी चीखा ज़ोर से
बोल गया सारा जगल शोर से
तोते का हमदर्द गीदड बन गया
इस चक्कर में वो लीडर बन गया
गीदड़ जी ने लीडर बन के झाडी इक तक़रीर
अखबारों में छप गई
तोता-मैना की तस्वीर
फिर क्या हुआ
अरे फिर वही हुआ जो हमेशा होता है
हे डोली बैठ के मैना खूब रोई
डोली बैठ के मैना खूब रोई
मैनु ले चले तोतिया ले चले वे
कहा-सुना हमारा माफ़ करना
बस बैरी यादे अस्सी पेह चले वे
गंगाराम का किसा होता है तमाम
गंगाराम का किसा होता है तमाम
हिन्दू को राम-राम मुस्लिम को सलाम
गंगाराम कंवरा रह गया
गंगाराम कंवरा रह गया
गंगाराम कौन है
गंगाराम है एक तोते का नाम
तोताराम कंवरा रह गया
गंगाराम कंवरा रह गया
गंगाराम बिचारा गंगाराम
कंवरा रह गया