Hans Tu Hardam Khishian Ya Gham
हे हँस तू हरदम खुशियाँ या गम
हँस तू हरदम खुशियाँ या गम
किसी से डरना नहीं डर डर के जीना नहीं
हँस तू हरदम खुशियाँ या गम
किसी से डरना नहीं डर डर के जीना नहीं
हँस तू हरदम खुशियाँ या गम
जो कमजोर है खुद वो ही हाथ उठाया करते है
जो डरपोक है खुद वो ही आँख दिखाया करते है
दादागिरी से कभी घबराया ना करो
अरे हँस तू हरदम खुशियाँ या गम
हँस तू हरदम खुशियाँ या गम
तेरी हिम्मत ही किस्मत जो बिगड़ी बात बनाएगी
शान से तू ये कदम उठा मंजिल खुद मिल जाएगी
मारा मारी मे खुद को उलझाया ना करो
अरे हँस तू हरदम (अरे हँस तू हरदम)
खुशियाँ या गम (खुशियाँ या गम)
किसी से डरना नहीं डर डर के जीना नहीं
हँस तू हरदम
खुशियाँ या गम
लूट मार से क्या मिलता खून खराबा होता है
जैसी करनी वैसी भरनी यही फैसला होता है
दुश्मन के ललकार से तुम डर जाया ना करो
अरे हँस तू हरदम खुशियाँ या गम
हँस तू हरदम खुशियाँ या गम
किसी से डरना नहीं डर डर के जीना नहीं
हँस तू हरदम (हँस तू हरदम)
खुशियाँ या गम (खुशियाँ या गम)