Kabhi Kabhi Sapna Lagta Hai

GULZAR, RAHUL DEV BURMAN

कभी कभी सपना लगता है
कभी कभी सपना लगता है
कभी ये सब अपना लगता है
तुम समझा दो मन को क्या समझाऊं
कभी कभी सपना लगता है
कभी ये सब अपना लगता है
तुम समझा दो मन को क्या समझाऊं
कभी कभी सपना लगता है

मुझे अगर बाहों में भर लो
शायद तुमको चैन मिले
मुझे अगर बाहों में भर लो
शायद तुमको चैन मिले
चैन तो उस दिन खोया मैंने
जिस दिन तुमसे नैन मिले
फिर भी ये अच्छा लगता है
मगर अभी सपना लगता है
तुम समझा दो
मन को क्या समझाऊं
कभी कभी सपना लगता है

चेहरे पे है और एक चेहरा
कैसे उसे हटाउं
मेरा सच गर तुम अपना लो
जनम जनम तरसाऊं
ऐसे सब अच्छा लगता है
सब का सब सपना लगता है
तुम समझा दो मन को क्या समझाऊं
कभी कभी सपना लगता है
कभी ये सब अपना लगता है
तुम समझा दो मन को क्या समझाऊं
कभी कभी सपना लगता है
कभी ये सब अपना लगता है
तुम समझा दो मन को क्या समझाऊं
कभी कभी सपना लगता है

Trivia about the song Kabhi Kabhi Sapna Lagta Hai by Kishore Kumar

Who composed the song “Kabhi Kabhi Sapna Lagta Hai” by Kishore Kumar?
The song “Kabhi Kabhi Sapna Lagta Hai” by Kishore Kumar was composed by GULZAR, RAHUL DEV BURMAN.

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