Kuchh Bhooli Huyi Yaadein
कुछ भूली हुई यादें कुछ बिसरे हुए अफ़साने
आने लगे ऐसे याद जैसे कल की हो बात
लौट आई है फिर से वही बहार
कुछ भूली हुई यादें कुछ बिसरे हुए अफ़साने
आने लगे ऐसे याद जैसे कल की हो बात
लौट आई है फिर से वही बहार
ये रहे जहां से मैं गुजरा हूं कितनी बार
हवाएं फ़िज़ाए के जिन में बसा है प्यार
जाने पहचाने इन राहों की धूल
धूल ऐसी धूल जो खिलाये सदा फूल
कुछ भूली हुई यादें कुछ बिसरे हुए अफ़साने
आने लगे ऐसे याद जैसे कल की हो बात
लौट आई है फिर से वही बहार
वो देखो उधर से चलो आ रही है एक हसीना
है सौखी कुछ जैसी फूलो को आये पसीने
डूबी हुई मस्तियों में मोरनी सी चाल
चाल ऐसी चाल जो उड़ाती है गुलाल
कुछ भूली हुई यादें कुछ बिसरे हुए अफ़साने
आने लगे ऐसे याद जैसे कल की हो बात
लौट आई है फिर से वही बहार
लौट आई है फिर से वही बहार