Kuchh To Log Kahenge [Revival]

ANAND BAKSHI, RAHUL DEV BURMAN

कुछ तो लोग कहेंगे लोगों का काम है केहना
छोडो बेकार की बातों में कहीं बीत ना जाए रैना
कुछ तो लोग कहेंगे लोगों का काम है केहना
छोडो बेकार की बातों में कहीं बीत ना जाए रैना
कुछ तो लोग कहेंगे

कुछ रीत जगत की ऐसी है
हर एक सुबह की शाम हुई
कुछ रीत जगत की ऐसी है
हर एक सुबह की शाम हुई
तू कौन है तेरा नाम है क्या
सीता भी यहाँ बदनाम हुई
फिर क्यों संसार की बातों से
भीग गए तेरे नैना
कुछ तो लोग कहेंगे लोगों का काम है केहना
छोडो बेकार की बातों में कहीं बीत ना जाए रैना
कुछ तो लोग कहेंगे

हमको जो ताने देते हैं
हम खोये हैं इन रंगरलियों में
हमको जो ताने देते हैं
हम खोये हैं इन रंगरलियों में
हमने उनको भी छुप छुप के
आते देखा इन गलियों में
ये सच है झूठी बात नहीं
तुम बोलो ये सच है ना
कुछ तो लोग कहेंगे लोगों का काम है केहना
छोडो बेकार की बातों में कहीं बीत ना जाए रैना
कुछ तो लोग कहेंगे लोगों का काम है केहना

Trivia about the song Kuchh To Log Kahenge [Revival] by Kishore Kumar

Who composed the song “Kuchh To Log Kahenge [Revival]” by Kishore Kumar?
The song “Kuchh To Log Kahenge [Revival]” by Kishore Kumar was composed by ANAND BAKSHI, RAHUL DEV BURMAN.

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