Ladki Nahin Tu Lakdi Ka Khamba Hai

Bappi Lahiri, Indeewar

है लड़की नहीं तू लकड़ी का खंबा
बक बक मत कर नाक तेरा लम्बा है
है लड़की नहीं तू लकड़ी का खंबा
बक बक मत कर नाक तेरा लम्बा है
आ इधर आ तू
आ गया कहाँ से तू बड़ा ही निकम्मा है
जा के छुप जा तू जहां तेरी अम्मा है
आ गया कहाँ से तू बड़ा ही निकम्मा है
जा के छुप जा तू जहां तेरी अम्मा है

कद तेरा ऊँचा सा खम्बे जैसा
मारूंगी
मुंह तेरा गोल गोल अंडे के जैसे
काटूंगी
मुंह तेरा गोल गोल अंडे के जैसे
काट लूँगी
तुम तो हो सुन्दर सी नारी
ओय बनती हो तुम क्यों कटारी
हाय हाय जा जा
फूल नहीं मैं जो तोड़ लोगे
फूल नहीं मैं जो तोड़ लोगे
काट लूँगी अरे अरे जो मुँह लगोगे
जाओ जी देखो जी और कोई द्वार
काटने को दौड़े तू
बिल्ली के जैसी हूँ नोच लूंगी
मुस्कराओ थोड़ा सा लजाओ
अरे क़िस्मत किसी की बनाओ
ओय तितली सी उड़ती फिरो न
घर किसी का बसाओ
मछली नहीं जो फाँस लोगे
छेड़ोगे तुम तो पिट जाओगे
टकराओगे तो मिट जाओगे
अरे बिजली हूँ तूफ़ान हूँ रहो होशियार
है लड़की नहीं तू लकड़ी का खंबा
आ गया कहाँ से तू बड़ा ही निकम्मा है
जा के छुप जा तू जहां तेरी अम्मा है

Trivia about the song Ladki Nahin Tu Lakdi Ka Khamba Hai by Kishore Kumar

Who composed the song “Ladki Nahin Tu Lakdi Ka Khamba Hai” by Kishore Kumar?
The song “Ladki Nahin Tu Lakdi Ka Khamba Hai” by Kishore Kumar was composed by Bappi Lahiri, Indeewar.

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