Maal Ko Dekhe

INDIVAR, ANU MALIK, SHYAMLAL HARLAL RAI INDIVAR

हे माल हैं तो ताल हैं
वर्ना तू कंगाल हैं
अरे माल हैं तो ताल हैं
वर्ना तू कंगाल हैं
माल के बिना जीना मुहाल हो गया
माल को देख के सालोसाल हो गया

हे माल हैं तो ताल हैं
वर्ना तू कंगाल हैं
अरे माल हैं तो ताल हैं
वर्ना तू कंगाल हैं
माल के बिना जीना मुहाल हो गया
माल को देख के सालोसाल हो गया

हे हे हम भी रेहते बंगलो में
हम भयउ फिरते मोटर में
पास जो अपने पैसा होता
बैठे होते होटल में
आप चल के आती
तो चीज़ जरुरी होती
माल जो होता पाकिट में
हर हसरत पूरी होती
माना फ़कीर हैं हम
दिल के अमीर हैं हम
माना फ़कीर हैं हम
दिल के अमीर हैं हम
सब प्यार का कमाल हैं

हे माल हैं तो ताल हैं
वर्ना तू कंगाल हैं
अरे माल हैं तो ताल हैं
वर्ना तू कंगाल हैं
माल के बिना जीना मुहाल हो गया
माल को देख के सालोसाल हो गया
गरीब पे दया कर भगवान्
या मालिक कर सबका भला
गरीब पे दया कर भगवान्
या मालिक कर सबका भला
गरीब पे दया कर भगवान्
या मालिक कर सबका भला

Trivia about the song Maal Ko Dekhe by Kishore Kumar

Who composed the song “Maal Ko Dekhe” by Kishore Kumar?
The song “Maal Ko Dekhe” by Kishore Kumar was composed by INDIVAR, ANU MALIK, SHYAMLAL HARLAL RAI INDIVAR.

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