Mukhde Pe Gesu Aa Gaye
मुखड़े पे गेसू आ गये
आधे इधर आधे उधर
आधे इधर आधे उधर
चंदा पे बदल छा गये
आधे इधर आधे उधर
आधे इधर आधे उधर
आज हुँने रूप देखा चाँदनी के बेश मे
एक परदेशी बेचारा लूट गया परदेश मे
एक परदेशी बेचारा लूट गया परदेश मे
दिल के डुस्मान आ गये
आधे इधर आधे उधर
आधे इधर आधे उधर
मुखड़े पे गेसू आ गये
आधे इधर आधे उधर
आधे इधर आधे उधर
तुझको मलिक ने बनाया खास अपने हाथ से
सुबह से मुखड़ा बनाया ओर जुल्फे रत से
सुबह से मुखड़ा बनाया ओर जुल्फे रत से
फूल खिलकर आ गये
आधे इधर आधे उधर
आधे इधर आधे उधर
मुखड़े पे गेसू आ गये
आधे इधर आधे उधर
आधे इधर आधे उधर
ले गयी दिल ले गयी तेरी नज़र की सोकिया
तेरी नज़र की सोकिया
आ मेरी आँखो मे पढ़ मे आरज़ू की दस्ता
दिल के अरमान आ गये
आधे इधर आधे उधर
आधे इधर आधे उधर
मुखड़े पे गेसू आ गये