Phoolon Ki Tazgi Ho Tum

Shankar-Jaikishan, Rajinder Krishnan

फूलों की ताजगी हो तुम
शबनम की नाज़की हो तुम

मैंने ख्वाब जिसका देखा था
वही मेरी बंदगी हो तुम

फूलों की ताजगी हो तुम
शबनम की नाज़की हो तुम

मैंने ख्वाब जिसका देखा था
वही मेरी बंदगी हो तुम

फूलों की ताजगी हो तुम

मुझे कौनसी अदा
है
पे दीवाना कर दिया है
सच

दुनिआ की महफिलों से बेगाना कर दिया है
मुझे कौनसी अदा पे दीवाना कर दिया है
दुनिआ की महफिलों से बेगाना कर दिया है

फूलों की ताजगी हो तुम
आ आ
शबनम की नाज़की हो तुम

मैंने ख्वाब जिसका देखा था
वही मेरी बंदगी हो तुम

फूलों की ताजगी हो तुम

मेरी जिंदगी की राहें आसान हो गयी है
ये झुकी झुकी सी पलकें मेरी जान हो गयी है
मेरी जिंदगी की राहें आसान हो गयी है
ये झुकी झुकी सी पलकें मेरी जान हो गयी है
फूलों की ताजगी हो तुम
आ आ
शबनम की नाज़की हो तुम

मैंने ख्वाब जिसका देखा था
वही मेरी बंदगी हो तुम

Trivia about the song Phoolon Ki Tazgi Ho Tum by Kishore Kumar

Who composed the song “Phoolon Ki Tazgi Ho Tum” by Kishore Kumar?
The song “Phoolon Ki Tazgi Ho Tum” by Kishore Kumar was composed by Shankar-Jaikishan, Rajinder Krishnan.

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