Raat Kali Ek Khwab Men Aai [1 Minute Nostalgia]

Majrooh Sultanpuri, R D Burman

यूँ तो हसीनों के माहजबीनों के
होते हैं रोज़ नज़ारे
पर उन्हें देख के
देखा है जब तुम्हें
तुम लगे और भी प्यारे
बाँहों में ले लूँ ऐसी तमन्ना
एक नहीं कई बार हुई
रात कली एक ख़ाब में आई
और गले का हार हुई
सुबह को जब हम नींद से जागे
आँख उन्हीं से चार हुई
रात कली एक ख़ाब में आई
और गले का हार हुई

Trivia about the song Raat Kali Ek Khwab Men Aai [1 Minute Nostalgia] by Kishore Kumar

Who composed the song “Raat Kali Ek Khwab Men Aai [1 Minute Nostalgia]” by Kishore Kumar?
The song “Raat Kali Ek Khwab Men Aai [1 Minute Nostalgia]” by Kishore Kumar was composed by Majrooh Sultanpuri, R D Burman.

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