Ram Ho Kya Tum Patthar

Indeevar

राम हो क्या तुम पत्थर को छूकर
पावन जिसने किया
पावन जिसने किया
शंकर हो क्या गंगा को जिसने
सर पर उठा लिया
सर पर उठा लिया
न मैं राम हूँ न मैं शंकर
मैं हूँ साथी तेरे जीवन साथी तेरा

दाग भरा था अचल मेरा
तुमने फिर भी अपनाया
फूल की क्या गलती जो किसी ने
धूल में उसे मिलाया
दोष नहीं मेरा
कोई जग वाले क्या मानेंगे
जग वाले तो सीता की भी
अग्नि परीक्षा लेंगे
वो थी कहानी ये सच है
सच को स्वीकार किया
सच को स्वीकार किया
राम हो क्या तुम पत्थर को छूकर
पवन जिसने किया
पवन जिसने किया

मैंने अँधेरे ही देखे थे
रौशनी तूने दिखाई
घर में कदम रखा तो लगा
जैसे मंदिर में आयी
करते है मन में उजाला जो
गिने जाते है वो देवो में
तुम्ही तो हो वो मेरे देवता
देदो जगह अपने चरणो में
तेरी जगह मेरे मन मन्दिर में
आरती का तू दिया
आरती का तू दिया
राम हो क्या तुम पत्थर को छूकर
पवन जिसने किया
पवन जिसने किया
शंकर हो क्या गंगा को जिसने
सर पर उठा लिया
सर पर उठा लिया
न मैं राम हूँ न मैं शंकर
मैं हूँ साथी तेरे जीवन साथी तेरा

Trivia about the song Ram Ho Kya Tum Patthar by Kishore Kumar

Who composed the song “Ram Ho Kya Tum Patthar” by Kishore Kumar?
The song “Ram Ho Kya Tum Patthar” by Kishore Kumar was composed by Indeevar.

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