Tha Wo Bhi Kya Zamana

LAXMIKANT PYARELAL, MAJROOH SULTANPURI

याद है दिन याद से मिलने की
जब आती थी रात
अरे जागते रहते थे दो दिल
और सो जाती थी रात
हाय हिज़र के सिक्वे करते
रोते रोते हस् पड़ते
देर तक दीवानो की सी
बाते करते रहते हम
आहे था क्या ज़माना
खुदा की कसम
आहे था क्या ज़माना
खुदा की कसम
सबसे तो उनकी थी
पहचान दूर की
हमसे था दोस्ताना
खुदा की कसम
हमसे था दोस्ताना
खुदा की कसम
आहे था क्या ज़माना
खुदा की कसम

न पूछो न हाय हाय न पूछो
के आफत की थी एक निसानी
हमारी नजर और किसी की जवानी
हमारी नजर और किसी की जवानी
मुलाकात को हर जातां कर गुजरते
मगर दिल धड़कते
ज़माने के दर से
मगर दिल धड़कते
ज़माने के दर से
अँधेरी गली ऊँची नीची डगर
चुराये बदन और बचाये नजर
अरे हर कदम ठोकरे चलना
अरे लगता था क्या
सुहाना खुदा की कसम
अरे लगता था क्या सुहाना
खुदा की कसम
आहे था क्या ज़माना
खुदा की कसम

हे ऊ ऊ ऊ ऊ ऊ ऊ

इधर आ हाय हाय इधर आ
हसीना तुझे हम बताये
यही हुसैन था और यही थी अदाए
यही हुसैन था और यही थी अदाए
इसी जुल्फ़ की चौ में जी चूका हु
थे ऐसे ही लैब
जिनका रस पी चुका हु
थे ऐसे ही लैब
जिनका रस पी चुका हु
वो सुरत अभी तक याद है
जिसे मेरा इश्क बर्बाद है
कोई भुला दे मगर मेरे वास्ते
अरे मुश्किल है भूल जाना
खुदा की कसम
अरे मुश्किल है भूल जाना
खुदा की कसम

Trivia about the song Tha Wo Bhi Kya Zamana by Kishore Kumar

Who composed the song “Tha Wo Bhi Kya Zamana” by Kishore Kumar?
The song “Tha Wo Bhi Kya Zamana” by Kishore Kumar was composed by LAXMIKANT PYARELAL, MAJROOH SULTANPURI.

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