Tum Bin Jaoon Kahan [Revival]

MAJROOH SULTANPURI, RAHUL DEV BURMAN

आ आ हम्म हम्म हाँ हाँ हाँ आ
तुम बिन जाऊं कहां
तुम बिन जाऊं कहां
के दुनिया में आके कुछ न फिर
चाहा कभी तुमको चाहके
तुम बिन जाऊं कहां
की दुनिया में आके कुछ न फिर
चाहा कभी तुमको चाहके
तुम बिन
ह ह ह ह्ह हाँ हाँ हाँ हाँ
रह भी सकोगे तुम कैसे हो के मुझसे जुदा
फट जाएँगी दीवारें सुन के मेरी सदा
आना होगा तुम्हें मेरे लिए साथी मेरी
सूनी राह के
तुम बिन जाऊं कहां
की दुनिया में आके कुछ न फिर
चाहा कभी तुमको चाहके
तुम बिन

इतनी अकेली सी पहले थी यही दुनिया
तुमने नज़र जो मिलायी बस गयी दुनिया
दिल को मिली जो तुम्हारी लगन दिए जल गए
मेरी आह के
तुम बिन जाऊँ कहां
तुम बिन जाऊँ कहां
की दुनिया में आके कुछ न फिर
चाहा कभी तुमको चाहके
तुम बिन

Trivia about the song Tum Bin Jaoon Kahan [Revival] by Kishore Kumar

Who composed the song “Tum Bin Jaoon Kahan [Revival]” by Kishore Kumar?
The song “Tum Bin Jaoon Kahan [Revival]” by Kishore Kumar was composed by MAJROOH SULTANPURI, RAHUL DEV BURMAN.

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