Main Agar [Film Version]

AMITABH BHATTACHARYA, PRITAM CHAKRABORTY

मैं अगर सितारों से चुरा के लाउ रोशनी
हवाओं से चुरा के लाउ रागिनी
ना पूरी हो सकेगी उनसे मगर तेरी कमी
मैं अगर नज़ारों से चुरा के लाउ रंगतें
मज़ारों से चुरा के लाउ बरक़तें
ना पूरी हो सकेगी उनसे मगर तेरी कमी
मेरी बेज़ुबानी क़ाफास एक तूने सुना
मेरे गम का मरहम तेरा प्यार है बेपनाह बेपनाह बेपनाह
हो तेरे बिना उम्र के सफ़र में
बड़ा ही तन्हा हूँ मैं
रफ़्तार जो वक़्त की पकड़ ना सके
वो लम्हा हूँ मैं
फागुन के महीने तेरे बिना हैं फीके
जो तू नही तो सारे सावन मेरे सूखे
मैं अगर किताबों से चुरा के लाउ क़ायदे
हिसाबों से चुरा के लाउ फ़ायदे
ना पूरी हो सकेगी उनसे मगर तेरी कमी
मैं अगर सितारों से चुरा के लाउ रोशनी
हवाओं से चुरा के लाउ रागिनी
ना पूरी हो सकेगी उनसे मगर तेरी कमी
तेरे गम का मैं तुझसे पहले करूँ सामना
तेरे ही लिए तो मेरा प्यार है बेपनाह बेपनाह
बेपनाह बेपनाह बेपनाह बेपनाह बेपनाह
बेपनाह बेपनाह बेपनाह बेपनाह बेपनाह बेपनाह बेपनाह

Trivia about the song Main Agar [Film Version] by K.K.

Who composed the song “Main Agar [Film Version]” by K.K.?
The song “Main Agar [Film Version]” by K.K. was composed by AMITABH BHATTACHARYA, PRITAM CHAKRABORTY.

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