Dukhi Man Mere
दुखी मन मेरे, सुन मेरा कहना
जहाँ नहीं चैना, वहाँ नहीं रहना
दुखी मन मेरे
दर्द हमारा कोई ना जाने
अपनी गरज के सब हैं दीवाने
किसके आगे रोना रोएँ
देश पराया, लोग बेगाने
दुखी मन मेरा, सुन मेरा कहना
जहाँ नहीं चैना, वहाँ नहीं रहना
दुखी मन मेरे
लाख यहाँ झोली फैला ले
कुछ नहीं देंगे इस जग वाले
पत्थर के दिल मोम ना होंगे
चाहे जितना नीर बहा ले
दुखी मन मेरा, सुन मेरा कहना
जहाँ नहीं चैना, वहाँ नहीं रहना
दुखी मन मेरे
अपने लिए कब हैं ये मेले
हम हैं हर एक मेले में अकेले
क्या पाएगा उस में रहकर
जो दुनिया जीवन से खेले
क्या पाएगा उस में रहकर
जो दुनिया जीवन से खेले
दुखी मन मेरा, सुन मेरा कहना
जहाँ नहीं चैना, वहाँ नहीं रहना
दुखी मन मेरे