Hasraten Hai Bahut Magar
हसरते है बहुत मगर तुमसे मे क्या कहु
हसरते है बहुत मगर तुमसे मे क्या कहु
लेके बाँहों मैं तुम्हे प्यार करता रहु
ख्वाहिशें है बहुत मगर तुमसे मे क्या कहु
ख्वाहिशें है बहुत मगर तुमसे मे क्या कहु
हद से आगे गुजर के भी अब मोहब्बत करू
हसरते है बहुत मगर तुमसे मे क्या कहु
लेके बाँहों मैं तुम्हे प्यार करता रहु
जाने वफ़ा जाने जहा ऐसी अदा होगी कहा
देखा सनम मैने तुम्हे बहके मेरे कदम
आँखे मिली पलके झुकी जादू जगा साँसे रुकी
ऐसे मुझे छेड़ो ना तुम आए बड़ी शरम
चाहते है बहुत मगर तुमसे मे क्या कहु
चाहते है बहुत मगर तुमसे मे क्या कहु
लेके बाँहों मैं तुम्हे प्यार करता रहु
ख्वाहिशें है बहुत मगर तुमसे मे क्या कहु
हद से आगे गुजर के भी अब मोहब्बत करू
बेचैन मे होने लगी जाने कहा खोने लगी
खुशबू बिना मेहका बदन छाने लगा नशा
मैने कहा तुमने सुना धड़कन बनी दिल की ज़ुबान
तन्हा यहा हम जो मिले आने लगा मज़ा
आरजू है बहुत मगर तुमसे मे क्या कहु
आरजू है बहुत मगर तुमसे मे क्या कहु
हद से आगे गुजर के भी अब मोहब्बत करू
हसरते है बहुत मगर तुमसे मे क्या कहु
लेके बाहो मैं तुम्हे प्यार करता रहु
हद से आगे गुजर के भी अब मोहब्बत करू
लेके बाहो मैं तुम्हे प्यार करता रहू
हद से आगे गुजर के भी अब मोहब्बत करू