Kuch Toh Log Kahenge
कुछ तो लोग कहेंगे
लोगों का काम है कहना
छोड़ो बेकार की बातों में
कहीं बीत ना जाये रैना
कुछ तो लोग कहेंगे
लोगों का काम है कहना
छोड़ो बेकार की बातों में
कहीं बीत ना जाये रैना
कुछ तो लोग कहेंगे
कुछ रीत जगत की ऐसी है
हर एक सुबह की शाम हुई
कुछ रीत जगत की ऐसी है
हर एक सुबह की शाम हुई
तू कौन है तेरा नाम है क्या
सीता भी यहाँ बदनाम हुई
फिर क्यों संसार की बातों से
भीग गए तेरे नैना
कुछ तो लोग कहेंगे
लोगों का काम है कहना
छोड़ो बेकार की बातों में
कहीं बीत ना जाये रैना
कुछ तो लोग कहेंगे
हमको जो ताने देते हैं
हम खोये हैं इन रंग रलियों में
हमको जो ताने देते हैं
हम खोये हैं इन रंग रलियों में
हमने उनको भी छुप छुप के
आते देखा इन गलियों में
ये सच है जूठी बात नहीं
तुम बोलो ये सच है ना
कुछ तो लोग कहेंगे
लोगों का काम है कहना
छोड़ो बेकार की बातों में
कहीं बीत ना जाये रैना
कुछ तो लोग कहेंगे
लोगों का काम है कहना