Kuchh Na Kaho [Jhankar Beats]

JAVED AKHTAR, RAHUL DEV BURMAN

कुछ ना कहो कुछ भी ना कहो
कुछ ना कहो कुछ भी ना कहो
क्या कहना है क्या सुनना है
मुझको पता है तुमको पता है
समय का ये पल थम सा गया है
और इस पल में कोई नहीं है
बस एक मैं हूँ बस एक तुम हो
कुछ ना कहो कुछ भी ना कहो

कितने गहरे हल्के शाम के रंग हैं छलके
पर्वत से यूँ उतरे बादल जैसे आँचल ढलके
कितने गहरे हल्के शाम के रंग हैं छलके
पर्वत से यूँ उतरे बादल जैसे आँचल ढलके
और इस पल में कोई नहीं है
बस एक मैं हूँ बस एक तुम हो
कुछ ना कहो कुछ भी ना कहो

सुलगी सुलगी साँसें बहकी बहकी धड़कन
महके महके शाम के साये पिघले पिघले तन मन
सुलगी सुलगी साँसें बहकी बहकी धड़कन
महके महके शाम के साये पिघले पिघले तन मन
और इस पल में कोई नहीं है
बस एक मैं हूँ बस एक तुम हो
कुछ ना कहो कुछ भी ना कहो
क्या कहना है क्या सुनना है
मुझको पता है तुमको पता है
समय का ये पल थम सा गया है
और इस पल में कोई नहीं है
बस एक मैं हूँ बस एक तुम हो

Trivia about the song Kuchh Na Kaho [Jhankar Beats] by Kumar Sanu

Who composed the song “Kuchh Na Kaho [Jhankar Beats]” by Kumar Sanu?
The song “Kuchh Na Kaho [Jhankar Beats]” by Kumar Sanu was composed by JAVED AKHTAR, RAHUL DEV BURMAN.

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