Madhosh Ho Rahi Hai

Naskar N

मदहोश हो रही है आज धीरे धीरे शाम ओ ओ
मदहोश हो रही है आज धीरे धीरे शाम
ओ ओ होंठों पे है घडी मेरे है बस तेरा नाम
क्यूँ बेकरारी का आलम है यह पूछो ना
दिल को समझाने में हो क्यों नाकाम
मदहोश हो रही है आज धीरे धीरे शाम
ओ ओ होंठों पे है घडी मेरे है बस तेरा नाम

महकी हुई सांसें मेरी
खिली खिली बाहे मेरी
कहती है जो कह न पाउ
हो आँखों में ही पढलो तुम
चाहु में क्या मेरे सनम
तुम्हे और क्या मैं बता दू
केहना जरुरी तो नहीं है
बाहों में ले लो मुझे
हम्म मदहोश हो रही है आज धीरे धीरे शाम
ओ ओ होंठों पे हर घडी मेरे है बस तेरा नाम

लरजते तरसते होंठ तेरे मांगे मुझे
मेरे प्यार कि एक निशाणी
मेरे लिए दिल में तेरे जागे है जो अरमान नए
बदली मेरी जिंदगानी
कहता हूँ मैं आज तुमसे
बाहोमें आ जाओना
मदहोश हो रही है आज धीरे धीरे शाम
धीरे धीरे शाम

Trivia about the song Madhosh Ho Rahi Hai by Kumar Sanu

Who composed the song “Madhosh Ho Rahi Hai” by Kumar Sanu?
The song “Madhosh Ho Rahi Hai” by Kumar Sanu was composed by Naskar N.

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