Majburiyan

Nusrat Badr

मजबूरिया मेरी भी थी, मजबूरिया तेरी भी थी

हा मजबूरिया मेरी भी थी, मजबूरिया तेरी भी थी
चाहा तुझे तू ना मिली, सुनी रही दिल की गली
ऐसी चली पागल हवा, तू हो गयी मुझसे जुदा
ना तू रुकी ना मैं रुका, और फासला बढ़ता गया
बढ़ती गयी ये दूरिया

आजा मजबूरिया

आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ

तेरे बिना जीना यहा, पल पल मेरा दुश्वार है
तेरे बिना जीना यहा, पल पल मेरा दुश्वार है
मेरी नही तू हो सकी, फिर भी मेरा तू प्यार है
खामोश हू रोता नही, पर गम मेरा जाता नही
ना तू रुकी ना मैं रुका, और फासला बढ़ता गया
बढ़ती गयी तन्हाईया

आजा मजबूरिया

बेजान है ये ज़िंदगी, नाराज़ है हर एक खुशी
बेजान है ये ज़िंदगी, नाराज़ है हर एक खुशी
तेरी याद यू अब आएगी, ये जान भी ले जाएगी
आँखे मेरी बुझने लगी, धुँधला हुआ साया तेरा
ना तू रुकी ना मैं रुका, और फासला बढ़ता गया
बढ़ती गयी वीरानिया
वीरानिया
मजबूरिया
मजबूरिया
महरूमिया
महरूमिया

Trivia about the song Majburiyan by Kumar Sanu

Who composed the song “Majburiyan” by Kumar Sanu?
The song “Majburiyan” by Kumar Sanu was composed by Nusrat Badr.

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