Mujhe Tumse Koi [Male]

Nawab Arzoo

मुझे तुमसे कोई शिकायत नहीं
तुझे पा सकूं मेरी किस्मत नहीं हाय किस्मत नहीं

मुझे तुमसे कोई शिकायत नहीं
मुझे तुमसे कोई शिकायत नहीं
तुझे पा सकूं मेरी किस्मत नहीं हाय किस्मत नहीं
मुझे तुमसे कोई शिकायत नहीं
तुझे पा सकूं मेरी किस्मत नहीं हाय किस्मत नहीं
मुझे तुमसे कोई

मेरा मुकद्दर रूठ गया
दिल शीशा था टूट गया
मेरा मुकद्दर रूठ गया
दिल शीशा था टूट गया
ऐसी चली ग़म की आंधी
राहों में साथी छूट गया
रब की भी मुझपे इनायत नहीं
रब की भी मुझपे इनायत नहीं
तुझे पा सकूं मेरी किस्मत नहीं हाय किस्मत नहीं
मुझे तुमसे कोई

हम तुम दोनों ऐसे मिले
मुरझाने को फूल खिले
हम तुम दोनों ऐसे मिले
मुरझाने को फूल खिले
प्यार तो कोई जुर्म नहीं
फिर क्यों दुनिया हमसे जले
मेरे लिए तेरी चाहत नहीं
मेरे लिए तेरी चाहत नहीं
तुझे पा सकूं मेरी किस्मत नहीं हाय किस्मत नहीं
मुझे तुमसे कोई शिकायत नहीं
मुझे तुमसे कोई शिकायत नहीं
तुझे पा सकूं मेरी किस्मत नहीं हाय किस्मत नहीं
मुझे तुमसे कोई

Trivia about the song Mujhe Tumse Koi [Male] by Kumar Sanu

Who composed the song “Mujhe Tumse Koi [Male]” by Kumar Sanu?
The song “Mujhe Tumse Koi [Male]” by Kumar Sanu was composed by Nawab Arzoo.

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