Sulgay Hue Hain

JAVED AKHTAR, RAJU SINGH

सुलगे हुए है जैसे
अब अंग अंग सारे
नस नस मे बह रहे
है जलते हुए सितारे
घुल रहे है गरम
सांसो मे सररे
घुल रहे है गरम
सांसो मे सररे
सुलगे हुए है जैसे
अब अंग अंग सारे
नस नस मे बह रहे
है जलते हुए सितारे
घुल रहे है गरम
सांसो मे सररे
घुल रहे है गरम
सांसो मे सररे

तत्तरहट है बदन
मे सनसनाहट है बदन मे
सांस जैसे सरसराए
जिस्म जैसे कसमसाए
हर नज़र मे है इसरे
हम तुम्हारे हम तुम्हारे
मेरी साँसे कहे
मेरी धड़कन पुकारे
सुलगे हुए है जैसे
अब अंग अंग सारे
नस नस मे बह रहे
है जलते हुए सितारे
घुल रहे है गरम
सांसो मे सररे
घुल रहे है गरम
सांसो मे सररे

बहकी बहकी है निगाहे
महकी महकी है ये बहे
हल्की हल्की रोशनी है
छलकी छलकी बेखुदी है
लहरे छूटी है किनारे
पास आए हम तुम्हारे
दिल हो या जिस्म हो
प्यार मे हम निहारे
सुलगे हुए है जैसे
अब अंग अंग सारे
नस नस मे बह रहे
है जलते हुए सितारे
घुल रहे है गरम
सांसो मे सररे
घुल रहे है गरम
सांसो मे सररे.

Trivia about the song Sulgay Hue Hain by Kumar Sanu

Who composed the song “Sulgay Hue Hain” by Kumar Sanu?
The song “Sulgay Hue Hain” by Kumar Sanu was composed by JAVED AKHTAR, RAJU SINGH.

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