Thahre Huye Paani Mein [Male]

BAPPI LAHIRI, MAYA GOVIND, MEHRA PRAKASH

ठहरे हुए पानी मे कंकर ना मार साँवरी
मन मे हलचल सी मच जाएगी बावरी हो
ठहरे हुए पानी मे कंकर ना मार साँवरी
मन मे हलचल सी मच जाएगी बावरी हो
ठहरे हुए पानी मे

मेरे लिए है तू अनजानी तेरे लिए हूँ मैं बेगाना
अनजाने ने बेगाने का दर्द भला कैसे पहचाना
जो इस दुनिया ने ना जाना
ठहरे हुए पानी मे कंकर ना मार साँवरी
मन मे हलचल सी मच जाएगी बावरी हो
ठहरे हुए पानी मे

सब फुलो के है दीवाने काँटों से दिल कौन लगाए
भोली सजनी में हु काटा क्यूँ अपना आँचल उलझाए
रब तुझको काँटों से बचाए
ठहरे हुए पानी मे कंकर ना मार साँवरी
मन मे हलचल सी मच जाएगी बावरी हो
ठहरे हुए पानी मे

तुम ही बताओ कैसे बसेगी दिल के अरमानो की बस्ती
ख्वाब अधूरे रह जाएगे मिट जाएगी इनकी हस्ती
चलती है क्या रेत पे कश्ती
ठहरे हुए पानी मे कंकर ना मार साँवरी
मन मे हलचल सी मच जाएगी बावरी हो
ठहरे हुए पानी मे कंकर ना मार साँवरी
मन मे हलचल सी मच जाएगी बावरी हो
ठहरे हुए पानी मे

Trivia about the song Thahre Huye Paani Mein [Male] by Kumar Sanu

Who composed the song “Thahre Huye Paani Mein [Male]” by Kumar Sanu?
The song “Thahre Huye Paani Mein [Male]” by Kumar Sanu was composed by BAPPI LAHIRI, MAYA GOVIND, MEHRA PRAKASH.

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