Tune Waqt Hey Raqeeb Mere

Rani Malik

इस जहाँ में कब किसी का
दर्द अपनाते है लोग
रुख हवा का देख कर
अक्सर बदल जाते है लोग

तूने वक़्त ऐ रकीब मेरे
तूने वक़्त ऐ नसीब मेरे
किया बेसहारा मुझे
दोस्त बनके मारा मुझे
ज़िन्दगी को रुस्वा किया
हर कदम पे धोका दिया
तूने वक़्त ऐ रकीब मेरे तूने

ना कोई अरमां ना कोई आशा
बन गया मैं तो एक तमाशा
ना कोई अरमां ना कोई आशा
बन गया मैं तो एक तमाशा
हर तमन्ना हर ख़ुशी को
मार डाला हाँ तूने
तूने वक़्त ऐ रकीब मेरे
तूने वक़्त ऐ नसीब मेरे
किया बेसहारा मुझे
दोस्त बनके मारा मुझे
ज़िन्दगी को रुस्वा किया
हर कदम पे धोका दिया तूने

तूने ऐसा खेल रचाया
मेरी नजर से मुझको गिराया
तूने ऐसा खेल रचाया
मेरी नजर से मुझको गिराया
गर्दिशो की आग में सब
फूँक ढाला हाँ तूने
तूने वक़्त ऐ रकीब मेरे
तूने वक़्त ऐ नसीब मेरे
किया बेसहारा मुझे
दोस्त बनके मारा मुझे
ज़िन्दगी को रुस्वा किया
हर कदम पे धोका दिया तूने
वक़्त ऐ रकीब मेरे तूने तृने
वक़्त ऐ नसीब मेरे तूने तूने तूने हाँ तूने

Trivia about the song Tune Waqt Hey Raqeeb Mere by Kumar Sanu

Who composed the song “Tune Waqt Hey Raqeeb Mere” by Kumar Sanu?
The song “Tune Waqt Hey Raqeeb Mere” by Kumar Sanu was composed by Rani Malik.

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