Aa Gai Hai Ishq Pe Bahar

C. RAMCHANDRA, RAJINDER KRISHAN

आ गयी है इश्क़ पे बाहर
आ गयी है इश्क़ पे बाहर
ख़तम हुआ है इंतज़ार
ओ हो ज़िंदगी भी रंग
बदल गयी बदल गयी

ये कों मुस्कुरा गया
ये कों मुस्कुरा गया
नगमे दिल सुना गया
शमा सी एक जल गयी जल गयी

आ गयी है इश्क़ पे बाहर
ख़तम हुआ है इंतज़ार
ओ हो ज़िंदगी भी रंग
बदल गयी बदल गयी

जानते थे हम कोई
ज़िंदगी मे आएगा
दिल पे मुस्कुरा के
फिर तीर से चलाएगा
अपना ह्यूम बनाएगा
च्छेदेगा मेरे दिल के तार
और कहेगा ये है प्यार
ओ हो ज़िंदगी भी रंग
बदल गयी बदल गयी
आ गयी है इश्क़ पे बाहर
ख़तम हुआ है इंतज़ार
ओ हो ज़िंदगी भी रंग
बदल गयी बदल गयी

दिल मे जो समा चुके
प्यार बनके च्छा चुके
उनकी इस अदा पे हम
ज़िंदगाई लौटा चुके
अपना उन्हे बना चुके
कह दे ये को एक बार
उनको भी है हुंसे प्यार
ओ हो ज़िंदगी भी रंग
बदल गयी बदल गयी
आ गयी है इश्क़ पे बाहर
ख़तम हुआ है इंतज़ार
ओ हो ज़िंदगी भी रंग
बदल गयी बदल गयी

Trivia about the song Aa Gai Hai Ishq Pe Bahar by Lata Mangeshkar

Who composed the song “Aa Gai Hai Ishq Pe Bahar” by Lata Mangeshkar?
The song “Aa Gai Hai Ishq Pe Bahar” by Lata Mangeshkar was composed by C. RAMCHANDRA, RAJINDER KRISHAN.

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