Aaja Re Mere Pyar Ke Rahi

Chitragupta, Majrooh Sultanpuri

आ जा रे मेरे प्यार के राही
रह निहारु बड़ी देर से
आजा रे मेरे प्यार के राही
राह निहारु बड़ी देर से
आजा रे

जो चाँद बुलाये मैं तो नहीं बोलो
जो सूरज आये आँख नहीं खोलू
जो चाँद बुलाये मैं तो नहीं बोलो
जो सूरज आये आँख नहीं खोलू
मुण्ड के मैं न मैं टिहरी
राह निहारु बड़ी देर से

आजा रे मेरे प्यार के राही
राह निहारु बड़ी देर से
आजा रे

कहा है बसदे तन की खुश्बू से
घटा से मैं खेलु जुल्फ़ तेरी छूके
कहा है बसदे तन की खुश्बू से
घटा से मैं खेलु जुल्फ़ तेरी छूके
रूप का तेरे मैं पुजारी
राह निहारु बड़ी देर से

आजा रे मेरे प्यार के राही
राह निहारु बड़ी देर से
आजा रे

कही भी रहूंगी मैं हूँ तेरी छाया
तुझे मैंने प् के फिर भी नहीं पाया
कही भी रहूंगी मैं हूँ तेरी छव
तुझे मैंने प् के फिर भी नहीं पाया

देख मैं तेरी प्रीत की मारी
राह निहारु बड़ी देर से

आजा रे मेरे प्यार के राही
राह निहारु बड़ी देर से

आजा रे मेरे प्यार के राही
राह निहारु बड़ी देर से
आजा रे

Trivia about the song Aaja Re Mere Pyar Ke Rahi by Lata Mangeshkar

Who composed the song “Aaja Re Mere Pyar Ke Rahi” by Lata Mangeshkar?
The song “Aaja Re Mere Pyar Ke Rahi” by Lata Mangeshkar was composed by Chitragupta, Majrooh Sultanpuri.

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