Aap Ki Ankhon Mein [Revival]

GULZAR, RAHUL DEV BURMAN

आप की आँखों में कुछ महके हुए से राज़ हैं
आप की आँखों में कुछ महके हुए से राज़ हैं
आप से भी खूबसुरत आपके अंदाज़ हैं
आप की आँखों में कुछ महके हुए से राज़ हैं

लब हिलें तो मोगरे के फूल खिलते है कहीं
लब हिलें तो मोगरे के फूल खिलते है कहीं
आप की आँखों में क्या साहिल भी मिलते हैं कहीं
आप की खामोशियाँ भी आप की आवाज़ हैं

आप की आँखों में कुछ महके हुए से राज़ हैं
आप से भी खूबसुरत आपके अंदाज़ हैं
आप की आँखों में कुछ महके हुए से राज़ हैं

आप की बातों में फिर कोई शरारत तो नहीं
आप की बातों में फिर कोई शरारत तो नहीं
बेवजह तारीफ़ करना आप की आदत तो नहीं
आप की बदमाशियों के ये नए अंदाज़ हैं

आप की आँखों में कुछ महके हुए से राज़ हैं

ओह हो आप से भी खूबसुरत आपके अंदाज़ हैं
आप की आँखों में कुछ महके हुए से राज़ हैं

Trivia about the song Aap Ki Ankhon Mein [Revival] by Lata Mangeshkar

Who composed the song “Aap Ki Ankhon Mein [Revival]” by Lata Mangeshkar?
The song “Aap Ki Ankhon Mein [Revival]” by Lata Mangeshkar was composed by GULZAR, RAHUL DEV BURMAN.

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