Ab Woh Raaten Kahan
मुस्कुराती कहीं
मुझसे बाते कही
अब वो रातें कहाँ
अब वो बातें कहाँ
वो मेरे प्यार की
चाँदनी लुट गई
दिल लुटा दिल के
रंगीन अरमान लुटे
मेरी दुनिया
मेरी ज़िन्दगी लुट गई
अब वो रातें कहाँ
मुझको अपनी खबर थी
न दिल की खबर
कैसी मदहोष थी
मेरी शाम-ओ-सहर
तेरे शाने पे था
हर घड़ी मेरा सर
तेरे शाने पे था
हर घड़ी मेरा सर
हाय कितनी हसीं
बेखुदी लुट गई
अब वो रातें कहाँ
अब वो बातें कहाँ
वो मेरे प्यार की
चाँदनी लुट गई
अब वो राते कहाँ
फूल मुरझा गए
चाँद दहला गया
एक अँधेरा सा हर
चीज़ पर छा गया
फूल मुरझा गए
चाँद दहला गया
एक अँधेरा सा हर
चीज़ पर छा गया
दूर मेरी निगाहों से
तू क्या गया
दूर मेरी निगाहों से
तू क्या गया
मेरी आँखों की भी
रौशनी लुट गई
अब वो रातें कहाँ
अब वो बातें कहाँ
वो मेरे प्यार की
चाँदनी लुट गई
अब वो राते कहाँ