Abhi Shaam Aayegi
आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ
अभी शाम आएगी
निकलेंगे तारे
मगर तुम ना होगे
अभी शाम आएगी
निकलेंगे तारे
मगर तुम ना होगे
पुकारेंगे रो रो के
तुमको नज़ारे
मगर तुम ना होगे
आ आ आ आ आ
तुम्हारा पता चाँद
पूछेगा मुझसे
तो मैं क्या कहूँगी
छुपा लूँगी मुखड़ा
झुका लूँगी आँखे
मगर चुप रहूंगी
तुम्हारी शिकायत
करेंगे सितारे
मगर तुम ना होगे
तुम्हारी शिकायत
करेंगे सितारे
मगर तुम ना होगे
अभी शाम आएगी
निकलेंगे तारे
मगर तुम ना होगे
आ आ आ आ आ
चलेंगी अगर ठंडी
ठंडी हवाए
सताएँगी मुझको
कही दूर पंछी
की मिठी सदाए
रुलाएँगी मुझको
मैं ढूंढूंगी तुमको
ओ मेरे सहारे
मगर तुम ना होगे
मैं ढूंढूंगी तुमको
ओ मेरे सहारे
मगर तुम ना होगे
अभी शाम आएगी
निकलेंगे तारे
मगर तुम ना होगे