Ae Dil Kahan Teri Manzil [Sad]

MAJROOH SULTANPURI, SALIL CHOUDHURY

ऐ दिल कहाँ तेरि मंज़िल
ना कोई दीपक है ना कोई तारा है
गुम है ज़मीं दूर आसमाँ
ऐ दिल कहाँ तेरि मंज़िल
ना कोई दीपक है ना कोई तारा है
गुम है ज़मीं दूर आसमाँ
ऐ दिल कहाँ तेरि मंज़िल

आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ

किस लिये मिल मिल के दिल टूटते हैं
किस लिये बन बन महल टूटते हैं
किस लिये दिल टूटते हैं ओ ओ ओ
किस लिये मिल मिल के दिल टूटते हैं (आ आ आ आ)
किस लिये बन बन महल टूटते हैं (आ आ आ आ)
किस लिये दिल टूटते हैं
पत्थर से पूछा शीशे से पूछा
ख़ामोश है सब कि ज़बाँ
ऐ दिल कहाँ तेरी मंज़िल
ना कोई दीपक है ना कोई तारा है
गुम है ज़मीं दूर आसमाँ
ऐ दिल कहाँ तेरि मंज़िल
ना कोई दीपक है ना कोई तारा है
गुम है ज़मीं दूर आसमाँ
ऐ दिल कहाँ तेरि मंज़िल

Trivia about the song Ae Dil Kahan Teri Manzil [Sad] by Lata Mangeshkar

Who composed the song “Ae Dil Kahan Teri Manzil [Sad]” by Lata Mangeshkar?
The song “Ae Dil Kahan Teri Manzil [Sad]” by Lata Mangeshkar was composed by MAJROOH SULTANPURI, SALIL CHOUDHURY.

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