Ae Duniya Ke Malik

Ishwar Chandra Kapoor

ए दुनिया के मलिक
मुझे तुझसे ये गीला है
बीजे थे मैने फूल मुझे काँटा मिला है
अरमानो की मैने बड़ी चाहते बसाई
उलफत की समा सौक भरे दिल में जलाई
चटकी सी काली खिलने को था मुरझाई उम्मीद
चटकी सी काली खिलने को था मुरझाई उम्मीद
मौसम था बहारो का फ़िज़ा झूम के आई
मौसम था बहारो का फ़िज़ा झूम के आई
इंसान ने इंसान का घर लूट लिया है
इंसान ने इंसान का घर लूट लिया है
किस पाप की किस जुर्म की आख़िर ये सज़ा है
किस पाप की किस जुर्म की आख़िर ये सज़ा है
ए दुनिया के मलिक मुझे तुझसे ये गीला है
बीजे थे मैने फूल मुझे काँटा मिला है

जिस तरफ़ नज़र डालती हू चेहरे है हैरान
बच्चे है बिलकते हुए और माँए परेशान
क्यो खून की नादिया ही बह जाती है हर्षो
क्यो खून की नादिया ही बह जाती है हर्षो
कोई तो बतादे दे मुझे कैसा है इंसान
कोई तो बतादे दे मुझे कैसा है इंसान
आ देख जहा में तेरे कोहराम मचा है
आ देख जहा में तेरे कोहराम मचा है
तेरा है ये इंसाफ़ तो इंसान का क्या है
तेरा है ये इंसाफ़ तो इंसान का क्या है

Trivia about the song Ae Duniya Ke Malik by Lata Mangeshkar

Who composed the song “Ae Duniya Ke Malik” by Lata Mangeshkar?
The song “Ae Duniya Ke Malik” by Lata Mangeshkar was composed by Ishwar Chandra Kapoor.

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