Ahl-E-Dil [Happy]

N/A KHAIYYAAM, NAQSH LYALLPURI

अहल-ए-दिल यूँ भी निभा लेते हैं
अहल-ए-दिल यूँ भी निभा लेते हैं
दर्द सीने में छुपा लेते हैं
दर्द सीने में छुपा लेते हैं
अहल-ए-दिल यूँ भी निभा लेते हैं
दर्द सीने में छुपा लेते हैं
दर्द सीने में छुपा लेते हैं

दिल कि महफ़िल में उजालों के लिये
दिल कि महफ़िल में उजालों के लिये
याद की शमा जला लेते हैं
दर्द सीने में छुपा लेते हैं
दर्द सीने में छुपा लेते हैं

जलते मौसम में भी ये दीवाने
जलते मौसम में भी ये दीवाने
कुछ हसीं फूल खिला लेते हैं
दर्द सीने में छुपा लेते हैं
दर्द सीने में छुपा लेते हैं

अपनी आँखों को बनाकर ये ज़ुबाँ
अपनी आँखों को बनाकर ये ज़ुबाँ
कितने अफ़साने सुना लेते हैं
दर्द सीने में छुपा लेते हैं
दर्द सीने में छुपा लेते हैं

जिनको जीना है मोहब्बत के लिये
जिनको जीना है मोहब्बत के लिये
अपनी हस्ती को मिटा लेते हैं
दर्द सीने में छुपा लेते हैं
दर्द सीने में छुपा लेते हैं
अहल-ए-दिल यूँ भी निभा लेते हैं
दर्द सीने में छुपा लेते हैं
दर्द सीने में छुपा लेते हैं

Trivia about the song Ahl-E-Dil [Happy] by Lata Mangeshkar

Who composed the song “Ahl-E-Dil [Happy]” by Lata Mangeshkar?
The song “Ahl-E-Dil [Happy]” by Lata Mangeshkar was composed by N and A KHAIYYAAM, NAQSH LYALLPURI.

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