Ankhiyan Hai Yeh Roop Ki Pyasi

P. L. Santoshi

ओ अंखिया ये रूप की प्यासी
दिल को ढूंढ रहा है दिल
रूप तो बिखरा है दुनिया में
दिल का मिलना है मुश्किल
अपनी अदा पर मैं हूँ फिदा
कोई चाहे न चाहे
कोई चाहे न चाहे मेरी बला
अपने ही दिल से दिल है लगा
कोई चाहे न चाहे कोई चाहे न चाहे मेरी बला
चाँद पे मरकर हाय चकोरा ओ
चाँद पे मरकर हाय चकोरा
आँखे अपनी फोड़ रहा ओ
रूप का दीवाना परवाना
आग से नाता जोड़ रहा
हुस्न पे मरने वाले आखिर
कोई मरा और कोई जला
कोई मरा कोई जला
अपनी अदा पर मैं हूँ फिदा
कोई चाहे न चाहे
कोई चाहे न चाहे मेरी बला
ओ दिल तो है मासूम सभी का ओ
दिल तो है मासूम सभी का
धोका देती है आँखे ओ
फूल के धोके में काँटों से
तितली की उलझी पाखे
तितली की उलझी पाखे ओ
तितली की उलझी पाखे
रूप तो है कुदरत का जादू ओ
रूप तो है कुदरत का जादू
जिसने देखा उसपे चला
जिसने देखा उसपे चला
अपनी अदा पर मैं हूँ फिदा
कोई चाहे न चाहे
कोई चाहे न चाहे मेरी बला
ओ अपने ही दिल से दिल है लगा
कोई चाहे न चाहे

Trivia about the song Ankhiyan Hai Yeh Roop Ki Pyasi by Lata Mangeshkar

Who composed the song “Ankhiyan Hai Yeh Roop Ki Pyasi” by Lata Mangeshkar?
The song “Ankhiyan Hai Yeh Roop Ki Pyasi” by Lata Mangeshkar was composed by P. L. Santoshi.

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