Bachche Man Ke Sachche

Ravi, Sahir Ludhianvi, LUDHIANVI SAHIR

बच्चे मन के सच्चे
सारी जग के आँख के तारे
ये वो नन्हे फूल हैं जो
भगवान को लगते प्यारे
बच्चे मन के सच्चे

खुद रूठे खुद मन जाये फिर हमजोली बन जाये
झगड़ा जिसके साथ करें अगले ही पल फिर बात करें
झगड़ा जिसके साथ करें अगले ही पल फिर बात करें
इनकी किसी से बैर नहीं इनके लिये कोई ग़ैर नहीं
इनका भोलापन मिलता है सबको बाँह पसारे
बच्चे मन के सच्चे सारी जग के आँख के तारे
ये वो नन्हे फूल हैं जो
भगवान को लगते प्यारे
बच्चे मन के सच्चे

इंसां जब तक बच्चा है तब तक समझो सच्चा है
ज्यों ज्यों उसकी उमर बढ़े मन पर झूठ क मैल चढ़े
क्रोध बढ़े नफ़रत घेरे लालच की आदत घेरे
बचपन इन पापों से हटकर अपनी उमर गुज़ारे
बच्चे मन के सच्चे सारी जग के आँख के तारे
ये वो नन्हे फूल हैं जो
भगवान को लगते प्यारे
बच्चे मन के सच्चे

तन कोमल मन सुन्दर है
बच्चे बड़ों से बेहतर
इनमें छूत और छात नहीं झूठी जात और पात नहीं
भाषा की तक़रार नहीं मज़हब की दीवार नहीं
इनकी नज़रों में एक हैं मन्दिर मस्जिद गुरुद्वारे
बच्चे मन के सच्चे सारी जग के आँख के तारे
ये वो नन्हे फूल हैं जो
भगवान को लगते प्यारे
बच्चे मन के सच्चे सारी जग के आँख के तारे
ये वो नन्हे फूल हैं जो
भगवान को लगते प्यारे
बच्चे मन के सच्चे

Trivia about the song Bachche Man Ke Sachche by Lata Mangeshkar

Who composed the song “Bachche Man Ke Sachche” by Lata Mangeshkar?
The song “Bachche Man Ke Sachche” by Lata Mangeshkar was composed by Ravi, Sahir Ludhianvi, LUDHIANVI SAHIR.

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