Ban Ke Suhagan Rahi Abhagan

Bharat Vyas

बन के सुहागन रही अभागन
रूठ गयी तक़दीर मेरी
रूठ गयी तक़दीर मेरी
बन के सुहागन रही अभागन
रूठ गयी तक़दीर मेरी
रूठ गयी तक़दीर मेरी
अपनी ही तकदीर के आगे
चल ना सकी तदबीर मेरी
रूठ गयी तक़दीर मेरी

आने को तोह आयी बहार
लेकिन मैं बर्बाद हुई
बसते बसते उजड़ गयी मैं
यह कैसी बेदाद हुयी

आने को तोह आयी बहार
लेकिन मैं बर्बाद हुई
बसते बसते उजड़ गयी मैं
यह कैसी बेदाद हुयी
बनते बनते बिगड़ गयी है
सपनो की तस्वीर मेरी
रूठ गयी तक़दीर मेरी
बन के सुहागन रही अभागन
रूठ गयी तक़दीर मेरी
रूठ गयी तक़दीर मेरी

मंजिल तक पहुँची तोह मंजिल
और भी मुझसे दूर हुयी
हँसते हँसते मेरी किस्मत
रोने पे मजबूर हुयी

मंजिल तक पहुँची तोह मंजिल
और भी मुझसे दूर हुयी
हँसते हँसते मेरी किस्मत
रोने पे मजबूर हुयी
आज ज़माना हुवा बेगाना
कोई ना समझे पीर मेरी
रूठ गयी तक़दीर मेरी
बन के सुहागन रही अभागन
रूठ गयी तक़दीर मेरी
रूठ गयी तक़दीर मेरी
अपनी ही तकदीर के आगे
चल ना सकी तदबीर मेरी
रूठ गयी तक़दीर मेरी

Trivia about the song Ban Ke Suhagan Rahi Abhagan by Lata Mangeshkar

Who composed the song “Ban Ke Suhagan Rahi Abhagan” by Lata Mangeshkar?
The song “Ban Ke Suhagan Rahi Abhagan” by Lata Mangeshkar was composed by Bharat Vyas.

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