Barbad-E-Mohabbat Ko

C Ramchandra, Rajinder Krishnan

दिल ए बेताब तड़पता हे
दिखाऊं कैसे
एक शोला सा भड़कता हे
दिखाऊं कैसे
या मेरे सामने आ
या मुझे आवाज दे
या बता दे
बर्बादे मुहब्बत को
कब तक ये सज़ा दोगे
ना सामने आओगे
ना अपना पता दोगे
बर्बादे मुहब्बत को

ये रात की ख़ामोशी
ये चाँद ये तन्हाई
ऐसे में सुनी मैने
बजती हुई शहनाई
मानो तो हक़ीकत है
ना मानो तो अफ़साना
मानो तो हक़ीकत है
ना मानो तो अफ़साना
जागो तो ज़रा ज़ालिम
देखो मैं चली आई
जागो तो ज़रा ज़ालिम
देखो मैं चली आई
क्या मेरी वाफाओ के बदले
में वफ़ा दोगे
ना सामने आओगे
ना अपना पता दोगे
बर्बादे मुहब्बत को

Trivia about the song Barbad-E-Mohabbat Ko by Lata Mangeshkar

Who composed the song “Barbad-E-Mohabbat Ko” by Lata Mangeshkar?
The song “Barbad-E-Mohabbat Ko” by Lata Mangeshkar was composed by C Ramchandra, Rajinder Krishnan.

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