Bhai Re Bhai Main To Bawri

Gulshan Bawra

हो हो चल जाए तेरा जादू जिसपर वो बन जाए तेरा ही दीवाना
तेरा दीवाना तेरा दीवाना हो हो रे

भाई रे भाई मई तो बावरी भाई तेरे रूप है कई
कोई शाम कहे कोई राम कहे
ओ कोई शाम कोई राम
तेरे नाम जान गयी नाम जान गयी रे
गयी रे गयी ये तो काम से गयी
अभी प्रीत है नयी
कभी शाम कहे ओ कभी राम कहे
ओ कभी शाम कभी राम
मेरे नाम से भी गयी गयी
मेरे नाम से भी गयी रे

हो हो हो हो

तू जो कहे तो मई पनघट पे अओ
पनिया भारण के बहाने ओये रे पनिया भारण के बहाने
पीपल की चाव तले मुरली की धुन पर
गौ मिलन के तराने ओये रे गौ मिलन के तराने
पीपल की चाव तले मुरली की धुन पर
गौ मिलन के तराने ये तो गयी रे
भाई रे भाई मई तो बावरी भाई तेरे रूप है कई
कोई शाम कहे कोई राम कहे
ओ कोई शाम कोई राम
तेरे नाम जान गयी गयी नाम जान गयी रे
हो हो

जो कुछ भी होगा वो पनघट पे गोरी देखेगी सारी नगरिया
औय देखेगी सारी नगरिया
मस्ती मे राधा नाचेगी छम छम
औय सर पे उठा के गागारिया
सर पे उठा के गागारिया
मस्ती मे राधा नाचेगी छम छम
सर पे उठा के गागारिया में होइ रे
गयी रे गयी ये तो काम से गयी अपनी प्रीत है नयी
कभी शाम कहे ओ कभी राम कहे
कभी शाम कभी राम
मेरे नाम से भी गयी गयी मेरे नाम से भी गयी रे

Trivia about the song Bhai Re Bhai Main To Bawri by Lata Mangeshkar

Who composed the song “Bhai Re Bhai Main To Bawri” by Lata Mangeshkar?
The song “Bhai Re Bhai Main To Bawri” by Lata Mangeshkar was composed by Gulshan Bawra.

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