Bheegi Palken Utha Meri Jaan
भीगी पलकें उठा मेरी जान घम ना कर
दिन जुदाई के यह भी गुज़र जायेंगे
जब तलक तेरी बांहे मिलेंगी मुझे
तब तलक तो यह गेसू बिखर जायेंगे
भीगी पलकें उठा
मेरे तन की कली घम से जल जायेगी
मेरे तन की कली घम से जल जायेगी
रंग उतर जायेगा धूप ढल जायेगी
रंग उतर जायेगा धूप ढल जायेगी
आ पड़ी है कुछ ऐसी उलझन मगर
फिर भी तेरे दीवाने किधर जायेंगे
भीगी पलकें उठा
जिन्दगी है तोह मिल ही रहेंगे गले
जिन्दगी है तोह मिल ही रहेंगे गले
जा रही हैं बहारें तोह जाने भी दो
जा रही हैं बहारें तोह जाने भी दो
दो ही दिन तोह मिले जिंदगानी के दिन
क्या यह दो दिन भी यू ही गुजर जायेंगे
भीगी पलकें उठा मेरी जान घम ना कर
दिन जुदाई के यह भी गुज़र जायेंगे
भीगी पलकें उठा