Bol Meri Taqdeer Men Kya Hai

SHAILENDRA, Shankar-Jaikishan

बोल मेरी तक़्दीर में क्या है मेरे हमसफ़र अब तो बता
जीवन के दो पहलू हैं हरियाली और रास्ता
कहाँ है मेरे प्यार की मंज़िल तू बतला तुझको है पता
जीवन के दो पहलू हैं हरियाली और रास्ता

जहाँ हम आके पहुँचे हैं वहाँ से लौटकर जाना
नहीं मुमकिन मगर मुश्किल है दुनिया से भी टकराना
जहाँ हम आके पहुँचे हैं वहाँ से लौटकर जाना
नहीं मुमकिन मगर मुश्किल है दुनिया से भी टकराना
तेरे लिए हम कुछ भी सहेंगे तेरा दर्द अब दर्द मेरा
जीवन के दो पहलू हैं हरियाली और रास्ता
बोल मेरी तक़्दीर में क्या है मेरे हमसफ़र अब तो बता
जीवन के दो पहलू हैं हरियाली और रास्ता

जहाँ जिस हाल में भी हूँ रहेंगे हम तुम्हारे ही
नदी सागर से मिलती है नहीं मिलते किनारे ही
जहाँ जिस हाल में भी हूँ रहेंगे हम तुम्हारे ही
नदी सागर से मिलती है नहीं मिलते किनारे ही
अपना अपना हैं ये मुकद्दर आज करे हम किस से गिला
जीवन के दो पहलू हैं हरियाली और रास्ता
कहाँ है मेरे प्यार की मंज़िल तू बतला तुझको है पता
जीवन के दो पहलू हैं हरियाली और रास्ता

Trivia about the song Bol Meri Taqdeer Men Kya Hai by Lata Mangeshkar

Who composed the song “Bol Meri Taqdeer Men Kya Hai” by Lata Mangeshkar?
The song “Bol Meri Taqdeer Men Kya Hai” by Lata Mangeshkar was composed by SHAILENDRA, Shankar-Jaikishan.

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