Chand Apna Safar [Soundtrack]

Vithalbhai Patel

चाँद अपना सफ़र ख़तम करता रहा
शम्मा जलती रही रात ढ़लती रही
चाँद अपना सफ़र ख़तम करता रहा
शम्मा जलती रही रात ढ़लती रही
दिल मे यादो के नश्तर से टूटा किए
इक तमन्ना कलेजा मसलती रही
चाँद अपना सफ़र ख़तम करता रहा
शम्मा जलती रही रात ढ़लती रही

बदनसीबी शराफत की दुश्मन बनी
सज सवर के भी दुल्हन ना दुल्हन बनी
टीका माथे पे इक दाग बनता गया
मेहंदी हाथो से शोले उगलती रही
चाँद अपना सफ़र ख़तम करता रहा
शम्मा जलती रही रात ढ़लती रही

ख्वाब पल्को से गिरकर फना हो गये
दो कदम चलके तुम भी जुड़ा हो गये
मेरी हारी थकी आँख से रात दिन
इक नदी आसुओ की उबलती रही
चाँद अपना सफ़र ख़तम करता रहा
शम्मा जलती रही रात ढ़लती रही

सुबह माँगी तो गम का अंधेरा मिला
मुझको रोता सिसकता सवेरा मिला
मै उजालो की नाकाम हसरत लिए
उम्र भर मोम बनकर पिघलती रही
चाँद अपना सफ़र ख़तम करता रहा
शम्मा जलती रही रात ढ़लती रही

चंद यादो की परछाईयो के सिवा
कुछ भी पाया ना तन्हाइयो के सिवा
वक़्त मेरी तबाही पे हस्ता रहा
रंग तकदीर क्या क्या बदलती रही
चाँद अपना सफ़र ख़तम करता रहा
शम्मा जलती रही रात ढ़लती रही
दिल मे यादो के नश्तर से टूटा किए
इक तमन्ना कलेजा मसलती रही
चाँद अपना सफ़र ख़तम करता रहा
शम्मा जलती रही रात ढ़लती रही

Trivia about the song Chand Apna Safar [Soundtrack] by Lata Mangeshkar

Who composed the song “Chand Apna Safar [Soundtrack]” by Lata Mangeshkar?
The song “Chand Apna Safar [Soundtrack]” by Lata Mangeshkar was composed by Vithalbhai Patel.

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