Chand Niklega Jidhar Hum Na Udhar Dekhenge

Rajendra Krishan

चाँद निकलेगा जिधर
हम ना उधर देखेंगे
चाँद निकलेगा जिधर
हम ना उधर देखेंगे
जागते सोते तेरी
राहे गुज़र देखेंगे
जागते सोते तेरी
राहे गुज़र देखेंगे
चाँद निकलेगा जिधर
हम ना उधर देखेंगे

इश्क़ तो होंठों पे फरियाद
ना लाएगा कभी
इश्क़ तो होंठों पे फरियाद
ना लाएगा कभी
देखने वेल मुहब्बत
का जिगर देखेंगे
चाँद निकलेगा जिधर
हम ना उधर देखेंगे

ज़िंदगी अपनी गुज़र जाएगी
शामे घाम में
ज़िंदगी अपनी गुज़र जाएगी
शामे घाम में
वो कोई और ही होंगे
जो सहर देखेंगे
चाँद निकलेगा जिधर
हम ना उधर देखेंगे

फूल महकेंगे चमन झूम के लहराएगा
फूल महकेंगे चमन झूम के लहराएगा
वो बहारों का समा
हम ना मगर देखेंगे
चाँद निकलेगा जिधर
हम ना उधर देखेंगे
जागते सोते तेरी
राहे गुज़र देखेंगे
चाँद निकलेगा जिधर
हम ना उधर देखेंगे

Trivia about the song Chand Niklega Jidhar Hum Na Udhar Dekhenge by Lata Mangeshkar

Who composed the song “Chand Niklega Jidhar Hum Na Udhar Dekhenge” by Lata Mangeshkar?
The song “Chand Niklega Jidhar Hum Na Udhar Dekhenge” by Lata Mangeshkar was composed by Rajendra Krishan.

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