Chhupa Lo Yun Dil Men [Revival]

ROSHAN, MAJROOH SULTANPURI

छुपा लो यूँ दिल में प्यार मेरा
के जैसे मंदिर में लौ दीये की
छुपा लो यूँ दिल में प्यार मेरा
के जैसे मंदिर में लौ दीये की

तुम अपने चरणों में रखलो मुझकों
तुम्हारे चरणों का फूल हूँ मैं
मैं सर झुकाए खड़ी हूँ प्रीतम
मैं सर झुकाए खड़ी हूँ प्रीतम
के जैसे मंदिर में लौ दीये की

छुपा लो यूँ दिल में प्यार मेरा (छुपा लो यूँ दिल में प्यार मेरा)
के जैसे मंदिर में लौ दीये की (के जैसे मंदिर में लौ दीये की)

ये सच है जीना था पाप तुम बिन
ये पाप मैंने किया है अब तक
मगर है मन में छवि तुम्हारी
मगर है मन में छवि तुम्हारी
के जैसे मंदिर में लौ दीये की

छुपा लो यूँ दिल में प्यार मेरा (छुपा लो यूँ दिल में प्यार मेरा)
के जैसे मंदिर में लौ दीये की (के जैसे मंदिर में लौ दीये की)

फिर आग विरहा की, मत लगाना
के जल के मैं राख हो चुकी हूँ

ये राख माथे पे मैंने रख ली
ये राख माथे पे मैंने रख ली
के जैसे मंदिर में लौ दीये की

छुपा लो यूँ दिल में प्यार मेरा (छुपा लो यूँ दिल में प्यार मेरा)
के जैसे मंदिर में लौ दीये की (के जैसे मंदिर में लौ दीये की)
छुपा लो यूँ दिल में प्यार मेरा (छुपा लो यूँ दिल में प्यार मेरा)

Trivia about the song Chhupa Lo Yun Dil Men [Revival] by Lata Mangeshkar

Who composed the song “Chhupa Lo Yun Dil Men [Revival]” by Lata Mangeshkar?
The song “Chhupa Lo Yun Dil Men [Revival]” by Lata Mangeshkar was composed by ROSHAN, MAJROOH SULTANPURI.

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