Dheere Dheere Chal Chand [Classic Revival]

Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan

धीरे धीरे चल, चाँद गगन में
धीरे धीरे चल, चाँद गगन में
धीरे धीरे चल, चाँद गगन में
अरे, धीरे धीरे चल, चाँद गगन में

कहीं ढल ना जाये रात, टूट ना जायें सपने
अरे, धीरे धीरे चल, चाँद गगन में
कहीं ढल ना जाये रात, टूट ना जायें सपने
अरे, धीरे धीरे चल, चाँद गगन में

तु झूमके चले तो दिल पे चले कटारी
हो हैं मीठी छूरी ये ज़ालीम नज़र तुम्हारी
तु झूमके चले तो दिल पे चले कटारी
हो हैं मीठी छूरी ये ज़ालीम नज़र तुम्हारी

गुन गुन गूँजे राग, आज पवन में
अरे, धीरे धीरे चल, चाँद गगन में

कहीं ढल ना जाये रात, टूट ना जायें सपने
अरे, धीरे धीरे चल, चाँद गगन में

वो क्या चीज़ थी, मिलाके नज़र पिला दी
हो हुआ वो असर, के हमने नज़र झुका दी
वो क्या चीज़ थी, मिलाके नज़र पिला दी
हो हुआ वो असर, के हमने नज़र झुका दी

अरे होंगी दो दो बात, आज मिलन में
अरे, धीरे धीरे चल, चाँद गगन में

कहीं ढल ना जाये रात, टूट ना जायें सपने
अरे, धीरे धीरे चल, चाँद गगन में

दो दिल मिल गये, दिये जल गये हज़ारों
हो अजी, तुम मिल गये, तो गुल खिल गये हज़ारों
दो दिल मिल गये, दिये जल गये हज़ारों
हो अजी, तुम मिल गये, तो गुल खिल गये हज़ारों

रिम झिम बरसे प्यार आज चमन में
अरे, धीरे धीरे चल चाँद गगन में

कहीं ढल ना जाये रात, टूट ना जायें सपने
अरे, धीरे धीरे चल, चाँद गगन में
धीरे धीरे चल (धीरे धीरे चल)

Trivia about the song Dheere Dheere Chal Chand [Classic Revival] by Lata Mangeshkar

Who composed the song “Dheere Dheere Chal Chand [Classic Revival]” by Lata Mangeshkar?
The song “Dheere Dheere Chal Chand [Classic Revival]” by Lata Mangeshkar was composed by Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan.

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