Dub Jaaye Jo Qisamat Kaa Taaraa

Noor Lakhnavi

डूब जाए
डूब जाए जो किस्मत का तारा
कोई होता नहीं फिर सहारा
डूब जाए जो किस्मत का तारा
कोई होता नहीं फिर सहारा
डूब जाए

हो चाँद सूरज हो रोशन हमे क्या
हो कोई फुलो हो गुलशन हमे क्या
इस समाधी है जीवन हमारा
कोई होता नहीं फिर सहारा
डूब जाए जो किस्मत का तारा
कोई होता नहीं फिर सहारा
डूब जाए

हो रह गयी आरज़ू नज़र में
हो काटि अपनी नइया भंवर में
जब नज़र आ रहा था किनारा
कोई होता नहीं फिर सहारा
डूब जाए जो किस्मत का तारा
कोई होता नहीं फिर सहारा
डूब जाए जो किस्मत का तारा
कोई होता नहीं फिर सहारा
डूब जाए जो किस्मत का तारा
कोई होता नहीं फिर सहारा
डूब जाए

हो चाँद सूरज हो रोशन हमे क्या
हो कोई फुलो हो गुलशन हमे क्या
इस समाधी है जीवन हमारा
कोई होता नहीं फिर सहारा
डूब जाए जो किस्मत का तारा
कोई होता नहीं फिर सहारा
डूब जाए

हो रह गयी आरज़ू नज़र में
हो काटि अपनी नइया भंवर में
जब नज़र आ रहा था किनारा
कोई होता नहीं फिर सहारा

Trivia about the song Dub Jaaye Jo Qisamat Kaa Taaraa by Lata Mangeshkar

Who composed the song “Dub Jaaye Jo Qisamat Kaa Taaraa” by Lata Mangeshkar?
The song “Dub Jaaye Jo Qisamat Kaa Taaraa” by Lata Mangeshkar was composed by Noor Lakhnavi.

Most popular songs of Lata Mangeshkar

Other artists of Film score